क्या आप जानते है आपका दिमाग कितने GB का है????
आज का पोस्ट कुछ दिमागी होने वाला है तो मै सतीश स्वागत करता हूं मेरे इस टेक्नोलोजी ज्ञान के इस पोस्ट पर मै आप सब से रिक्वेस्ट है कि आप सब दिमाग के पट खोल के और ध्यान से इस पोस्ट को पढ़िएआखिर कितने GB का हो सकता है इंसान का दिमाग, चौंक जाओगे पूरा पढ़कर हम अकसर सुनते आए है की हमारा दिमाग कंप्यूटर कि तरह ऑपरेट करता हैं जबकि सच्चाई ये है कि इंसानी दिमाग को ध्यान में रखकर कंप्यूटर को डेवलप किया गया था तो अब कुल मिलाकर इंसानी दिमाग और कंप्यूटर दिमाग में बस इतनी समानताएं हैं तो यह पूछना गलत नहीं होगा कि हम इंसानी दिमाग की स्टोरेज कितनी है आखिर कितने GB का हो सकता है इंसान का दिमाग सरल भाषा में कितनी मेमोरी होगी हमारी दिमाग की अर्थात कितना GB, MB डाटा स्टोर करने की क्षमता होगा हम इंसानी दिमाग के अंदर अगर हम computation neuroscientist की माने तो सभी विशेषज्ञों की मत अलग है और common range निकलकर जरूर सामने आती है दिमाग की मेमोरी कैपेसिटी को लेकर जो कि है 1TB से लेकर 2.5 PB तक हो सकती है हम आपके लिए बताना चाहेंगे की 1GB=1024 megabyte और 1024TB=1petabyte तो आप अंदाजा लगा लीजिए कितनी ज्यादा स्टोर करने की क्षमता रखता है आपका ब्रेन। हमें तो लगता है कि पूरे जीवन भर में इसका सिर्फ 1GB ही उपयोग कर पाते होंगे तो बहुत होगा या इससे भी कम अब आप जान गए होंगे कि आखिर इंसान का दिमाग कितने GB का हो सकता है अब आप ये सोच रहे होंगे कि मानव मस्तिष्क की डाटा कैपेसिटी computational neuroscientist के पास कैसे होगा तो आपको बता दे की इसके पीछे का गणित बहुत आसान है मानव मस्तिष्क में लगभग 100 अरब न्यूरॉन होते हैं हमारी neuroscience की समझ ये बताती है कि हर न्यूरॉन के पास 100 कनेक्शन जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में सनप्स कहते है बना सकते है आपको बता दे की इन्हीं सनप्स में डाटा स्टोर होता है अब आप गुणा कीजिए कि 100अरब न्यूरॉन का 1000 synaptic connection के साथ अब सायद आपके जानने की इच्छा खत्म हो गई होगी की आखिर इंसान का दिमाग कितने GB का हो सकता है
लेकिन हम ये पोस्ट यही खत्म नहीं करेंगे हम आपको और भी कुछ intresting चीजे बताना चाहेंगे आपके दिमाग के बारे में तो तयार हो जाइए जानने के लिए दिमाग के बारे में intresting point.
1 जब हमें कोई रिजेक्ट करता है या हमारा किसी कारणवश दिल टूटता है तो हमारा दिमाग ठीक उसी तरह रिएक्ट करता है जैसा चोट लगने पर
2 हमारे अधे जींस हमरे दिमाग के बनावट के बारे में बताते है और आधे बचे सारे जींस पूरे शरीर के बारे में यानी की हमारा आधा जिनेटिक कोड आधे दिमाग को बनाने में लग जाता हैं
3 एक दिन में हमरे दिमाग में 70000 तक विचार आ सकते है और इनमें 70% विचार नकारात्मक होते है
4 सर्जरी से हमारा आधा दिमाग हटाया जा सकता है और इससे हमारी यादों पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा
5 हमारे 60%दिमाग के हिस्से में चर्बी होती है इसलिए यह शरीर का सबसे अधिक चर्बी वाला अंग है
6 हमारा दिमाग 40 वर्ष तक बड़ता है
7 हमारे दिमाग में mid Brain lupamin system होता है जो भविष्य में घटने वाली पूर्व अनुमान को महसूस करता है माना जाता है कि दिमाग का Mid Brain Lupamin system पूर्वअनुमान होने की घटना आम होती है
8 शायद अब आप ये सोच रहे होंगे कि हमरे दिमाग की मेमोरी फुल हो सकती है जी नहीं हमारे दिमाग की मेमोरी full नहीं हो सकती ये अनलिमिटेड होती है कभी भी आपका दिमाग आपको ये संदेश नहीं भेजेगा की आपका मेमोरी फुल हो गया है होता ये है कि आपका दिमाग पुरानी यादे जो अनावश्यक है वह मिटाता जाता है ताकि नहीं यादों के लिए जगह बनी रहे साथ ही यदि कोई उसे पुरानी बाते याद दिलाएगा तो पुरानी बातो का फिर से वापस आने की शक्ति बहुत प्रबल होती है
9 यदि अपने अच्छी नींद की है या अपने आप को मनाया है तो आपका दिमाग मान जाएगा
10 यदि आप अपने मोबाइल में लंबे समय तक काम करते है तो आपके दिमाग में ट्यूमर होने का खतरा बढ़ जाता है
11 यदि आपके दिमाग से amygdala को निकाल लिया जाए तो इंसान का किसी भी चीज के लिए दर हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा
12 टीवी देखने की प्रक्रिया में दिमाग बहुत कम इस्तेमाल होता है और इसलिए बच्चो का दिमाग जल्दी से विकसित नहीं हो पाता है बच्चो का दिमाग कहानियां पढ़ने से और सुनने से ज्यादा विकसित होता है क्योंकि किताब पढ़ने से बच्चे ज्यादा कल्पना करते है
13 दिमाग और मन दोनों अलग अलग चीजे है वैज्ञानिक आज तक पता नहीं लगा पाए है कि मन शरीर के किस हिस्से में स्थित होता हैं आशा करते है कि ये पोस्ट आपको बहुत ही अच्छी लगी होगी जय हिन्द
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